आप किसी भी स्टेज की शूगर के शिकार हैं। टाइप वन, टू या थ्री। अगर आप थोड़ी कड़वाहट बर्दाश्त करके भी सेहतमंद बने रहने में विश्वास करते हैं, तो आपके लिए करेले का जूस बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। सही मायने में करेला बेहद गुणकारी होता है। इसकी सब्जी, भरवा करेले या जूस आप किसी का भी सेवन करेंगे, तो शरीर को उतना ही लाभ होगा।
करेला विशेष रूप से डायबिटीज का दुश्मन माना जाता है। यह पेट की कई बीमारियों का भी दुश्मन है। खून साफ करता है और खूबसूतरती में भी निखार लाता है। करेले का जूस कड़वा जरूर होता है, लेकिन यह मोटापा कम करने के लिए, शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ाने के लिए और नसों में इंसुलिन की कमी से जमने वाले एक्स्ट्रा ग्लूकोज के खिलाफ आपके शरीर को सुरक्षित बनाता है।
आप इस बात को जानते ही होंगे कि शूगर की बीमारी इंसुलिन बनने की प्रक्रिया में कमी आने का परिणाम होता है। ऐसे में करेला इंसुलिन को एक्टिव करने वाली सब्जि है। इसके सेवन से शरीर में बनने वाली शूगर फैट का रूप नहीं ले पाती और इसी वजह से कैलोरी नियंत्रण में रहती हैं। इससे वजन भी नहीं बढ़ता और इंसुलिन पुन: बनने की प्रक्रिया को गति मिलती है। करेले के जूस में मोमर्सिडीन और चैराटिन होते हैं, जो ब्लड में ब्लड शूगर के स्तर को रेग्यूलेट करने का काम करते हैं। इसलिए आप जब भी करेले का जूस पीएं, तो प्राथमिकता दें कि खाली पेट ही पीएं। इससे यह बेहद प्रभावशाली तरीके से आपको फायदा पहुंचाने का काम करता है।
करेले में आंखों की रौशन बढ़ाने वाला बीटा-कैरोटिन भी पाया जाता है। यह आंखों की रौशन बढ़ाने में तो सहयोग करता ही है, दूसरी तरफ शूगर की वजह से नेत्र ज्योति कम होने की समस्या से भी छुटकारा दिलाता है। त्वचा की चमक और खूबसूरती में भी करेगा कारगर है। करेले के जूस का नियमित सेवन करने से जलन, फोड़े-फुंसी, रैशेज, खुजली औ किसी भी प्रकार की स्किन डिजिज होने का खतरा न के बराबर हो जाता है। यह घमोरियों में भी फायदेमंद है, लेकिन समस्या ज्यादा हो तो आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से मात्रा और जूस लेने के समय की चर्चा पहले करें उसके बाद ही सेवन करें।
पाचन में भी करेगा जोरदार काम करता है। इसका जूस पाचन क्रिया को बेहद अच्छा कर देता है। अपच, गैस, मुंह और गले में छाले, लूज मोशन का बार-बार लगना जैसी समस्याएं हों, तो करेले के जूस को पीएं बहुत लाभ मिलेगा।
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